क्या यही प्यार है
जिन्दगी की धुवांधार बारिश में,
कमल पर पड़ी ओस की बूंद सा,
एक अहसास,
क्या यही है प्यार......?
जिन्दगी के काँटों के बिछोने में,
फूलों की पखुडियों सा,
एक अहसास,
क्या यही है प्यार........?
जिन्दगी के साफ-सुथरे मरुस्थल में,
गुलाबों से महकते गुलिस्ताँ सा,
एक अहसास,
क्या यही है प्यार.........?
खुदगर्ज जीवन में,
खुद को भी खुद का
नहीं अहसास,
क्या यही है प्यार..........?
जिन्दगी की अंधी दौड में,
खुशनुमा ठहराव का,
एक अहसास,
क्या यही है प्यार..........?
दोस्तों की भीड़ में भी,
घुटन,
अकेले, खालीपन का,
एक अहसास,
क्या यही है प्यार..........?
न आगाज का पता,
न अन्जाम का ख्याल,
हर पल, हर जगह,
बस होता है,
तेरा ही अहसास,
क्या यही है प्यार.........?