Sunday, February 6, 2011

बसन्त,पागल,जीवन,माँ की महिमा


        बसन्त
बसन्त आया, बसन्त आया |
उत्साह, उमंग, खुशियों का पैगाम लाया |

रंग-बिरंगे, मदमस्त, खुशबुओं से भरे,
इठलाते, बलखाते फूल सब खिल रहे |
भवरों के राग व पत्तों की ताल पर,
रंग-बिरंगी तितलियाँ, हर तरफ रहीं थिरक |
सभी और मस्ती व गदराया असर छाया |
बसन्त आया - - -

महकते मौसम का छाया असर हर तरफ,
नये-नये फूलों को चूम रहा रसिक भ्रमर |
चुरा रही फूलों से, मधु मधुमक्खियों,
फूलों को प्यार करने मचल रही तितलियाँ |
कामदेव ने दसों दिशा में, अपना धनुष चलाया |
बसन्त आया - - -

केसरिया बानों में सजे-धजे नवयुवक,
फूलों से श्रंगारित युवतियाँ रही मचल |
शोखियों से भरे युवा, इतराते रहे चहक,
आकर्षित करती जिन्हें, जवानी बन एक चुम्बक |
हर तरफ यौवन का मदमाता रंग छाया |
बसन्त आया - - -     
     पागल
हर तरफ आज दीख रहे पागल ही पागल |
कुछ उल्टा-सीधा बोलते-करते ज़ाहिर पागल |
कुछ अन्दर ही अन्दर चीखते-चिल्लाते,
दौड़-भाग करते मानसिक पागल |
कुछ धन,सत्ता,बल के मद में मस्ताते पागल |
कुछ रूप-रंग,जाति,प्रथा,अपने-पराये में अंधे पागल |
कुछ संबंधों के बंधन में बंधे पागल |
कुछ बदले की आग में जलते पागल |
कुछ प्यार के दिखावे में तो कुछ मोह में पागल |
कुछ छापे-तिलक,भजन-कीर्तन,पूजा-पाठ कर-
धार्मिक होने का ढिंढोरा पीटते पागल |
कुछ धर्म के ठेकेदार बन अपने मतलब की-
रोटी सेकते मठराते पागल |
कुछ किताबी ज्ञान के मद में अंधे मदहोश पागल |
कुछ स्वार्थी,बहरूपिये,धूर्त पागल |
जब आत्मप्रकाश से आलौकित कोई व्यक्ति,उन्हे
उस रोशनी का सच बतलाता है,तो-
इस अंधे पागलों की दुनियाँ में,
वह सत्पुरुष ही पागल कहलाता है |

          जीवन

जनम से मृत्यु तक का खूबसूरत यह जीवन |
प्रगति की राह जीवन |
हर पल एक आस जीवन |
प्यार की बौछार जीवन |
खुशियों की सौगात जीवन |
आल्हाद व उल्लास जीवन |
बहुरंगी आकाश जीवन |
संगीतमय एक साज जीवन |
उत्सवमयी शृंगार जीवन |
हमसफ़र सब साथ जीवन |
इच्छा भरा भंडार जीवन |
भावों का सरताज जीवन |
अनबुझा एक राज जीवन |
बस केवल आज जीवन |
प्रकृति का नाच जीवन |
जिन्दगी हर हाल जीवन |
जिंदादिली का नाम जीवन |
उम्र का त्यौहार जीवन |
  
आज तारीख २३ दिसम्बर हमारी बाई के जन्मदिन पर –
      माँ की महिमा
निस्वार्थ त्याग प्रेम का मतलब, होता है माँ |
जिसमें भी ये गुण होते हैं, वे पाते हैं माँ की उपमा |
जैसे गौ माँ व धरती माँ, चन्द्रमा और आसमा |
इसी लिए कहते हैं हम, आत्मा,परमात्मा |
तुझसा नहीं कोई दूसरा, चाहे ढूढो सारा जहां |
करें तेरा वंदन, नमन हम, अपरम्पार है तेरी महिमा |

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